10 वर्ष में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने का ऐलान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अगले 10 वर्षों में देशभर में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अगले 10 वर्षों में देशभर में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया है।
IIT कानपुर ने एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल की है, जिसमें उन्होंने एक ऐसा डिवाइस विकसित किया है जो केवल एक मिनट में मुंह के कैंसर का पता लगा सकता है। इस डिवाइस का निर्माण अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किया गया है और यह कैंसर के शुरुआती चरणों में पहचान में मदद करेगा।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को पीएम इंटर्नशिप स्कीम की शुरुआत कर दी है. योजना के तहत शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची 26 अक्टूबर तक उपलब्ध होगी. कंपनियां 27 नवंबर तक अंतिम चयन करेंगी और इंटर्नशिप 2 दिसंबर 2024 से 12 महीने के लिए शुरू होगी.
भोपाल में पुलिस बल की कमी को दूर करने के लिए आगामी दो वर्षों में 15,000 जवानों की भर्ती की योजना बनाई गई है। इस प्रक्रिया के तहत प्रतिवर्ष 7,500 पुलिसकर्मियों की भर्ती होगी, जिसमें सब इंस्पेक्टर के 400 पद भी शामिल हैं। वर्तमान में प्रदेश में 16,000 आरक्षकों के पद खाली हैं, जिन्हें जल्दी भरा जाएगा।
झाबुआ के पेटलावद स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में रविवार को छात्रों ने हंगामा किया और प्राचार्य को हटाने की मांग की।
अतिथि शिक्षकों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, और उनकी नियमितीकरण की मांग को लेकर हाल ही में भोपाल में प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ झड़प के बाद कई शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
शहर के कई सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को नया सत्र शुरू होने के चार महीने बाद भी कुछ विषयों की किताबें नहीं मिली हैं। इस स्थिति से खासकर वे स्कूल प्रभावित हो रहे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है।
प्रदेश में नवरात्रि के बीच सत्र में चल रही उठापटक का असर अब शिक्षा पर दिखने लगा है। स्कूलों में आधा सत्र गुज़र चुका है और परीक्षाएं मार्च में शुरू होने वाली हैं, लेकिन कोर्स अब भी पीछे चल रहा है।
भोपाल में कॉलेज स्तरीय खेलकूद की स्थिति चिंताजनक हो गई है, जहां कई कॉलेजों में मैदान खत्म हो गए हैं या उन्हें अन्य उपयोगों में बदल दिया गया है। मध्यप्रदेश के 570 सरकारी कॉलेजों में से केवल 150 कॉलेजों में ही मैदान ठीक स्थिति में हैं।