यह घटना अत्यंत दुखद और गंभीर है। धार जिले के रिंगनोद में जनजातीय सीनियर छात्रावास में पानी की टंकी साफ करते समय करंट लगने से दो छात्रों की मौत ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर दिया है।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद छात्रावास के अन्य विद्यार्थियों ने त्वरित प्रतिक्रिया दिखाई, लेकिन यह बहुत दुखद है कि तब तक दोनों छात्रों की जान जा चुकी थी। विकास और आकाश, दोनों कक्षा 12 के छात्र थे, और उनका इस तरह से चले जाना एक अपूरणीय क्षति है।
इस घटना के पीछे सुरक्षा के प्रति लापरवाही एक महत्वपूर्ण कारण लगती है। कमिश्नर दीपक सिंह ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए सहायक आयुक्त और छात्रावास अधीक्षक को निलंबित किया है, जो कि एक उचित कदम है। इसके अलावा, जांच समिति गठित करना और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त करना भी आवश्यक है।
यह घटना यह दर्शाती है कि छात्रावासों और आश्रमों में सुरक्षा व्यवस्थाओं का कड़ा पालन होना चाहिए। सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाएँ न हों, और छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। छात्रों के परिवारों को भी इस समय मानसिक और भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता है।