भोपाल में कॉलेज स्तरीय खेलकूद की स्थिति चिंताजनक हो गई है, जहां कई कॉलेजों में मैदान खत्म हो गए हैं या उन्हें अन्य उपयोगों में बदल दिया गया है। मध्यप्रदेश के 570 सरकारी कॉलेजों में से केवल 150 कॉलेजों में ही मैदान ठीक स्थिति में हैं।
नई नीति के तहत खेलों को अनिवार्य भाग मानते हुए, उच्च शिक्षा विभाग ने 30 सितंबर को खेलकूद प्रोत्साहन योजना के तहत खरीदी के आदेश जारी किए हैं, लेकिन कॉलेजों में इसके प्रति उत्साह की कमी देखी जा रही है। स्पोर्ट्स ऑफिसर्स एसोसिएशन के अनुसार, खेलों को कॉलेजों में एक गौण दर्जा दे दिया गया है।
कॉलेजों की स्थिति:
- एमएलबी कॉलेज: बास्केट बॉल और टेनिस कोर्ट को पार्किंग में बदल दिया गया है।
- हमीदिया कॉलेज: बास्केट बॉल कोर्ट पर घास उग आई है, और मल्टीपरपज हॉल में मैट खराब हो चुके हैं।
- एमवीएम कॉलेज: मैदान राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि नए कॉलेजों में मैदान की कमी है।
- गीतांजली कॉलेज: मैदान और जूडो हॉल तो है, लेकिन मैदान की स्थिति खराब है।
डॉ. वीएस राय, अध्यक्ष, मप्र महाविद्यालयीन शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ ने कहा कि कॉलेज स्तर पर खेलों को पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। आउटडोर खेलों की स्थिति खराब है, जबकि इनडोर खेलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
इस स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि कॉलेजों में खेलकूद को फिर से एक प्रासंगिक और उत्साही गतिविधि बनाया जा सके।