भोपाल: मध्य प्रदेश में मदरसों के भौतिक सत्यापन के मामले में राज्य सरकार ने नरम रुख अपनाया है। हाल ही में कलेक्टरों को पंजीकृत मदरसों के छात्रों के सत्यापन के लिए निर्देश दिए गए हैं, लेकिन गैर-पंजीकृत मदरसों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सरकार के पास पंजीकृत मदरसों की संख्या लगभग 2650 है, जिनमें से प्रत्येक को सालाना 25 हजार रुपए का अनुदान मिलता है। हालांकि, गैर-पंजीकृत मदरसों की संख्या और उनकी फंडिंग के स्रोत का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि हाल के निरीक्षण में 56 कागजी मदरसे सामने आए हैं, जहां केवल फर्जी तरीके से बच्चों का पंजीकरण किया गया है। सरकार ने आदेश दिया है कि ऐसे मदरसों का पंजीकरण निरस्त किया जाए, लेकिन गैर-पंजीकृत मदरसों के खिलाफ कार्रवाई का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में 500 से अधिक गैर-पंजीकृत मदरसे संचालित हो सकते हैं। इसलिए, अधिकारियों ने प्राथमिकता से इन मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता जताई है।