यह मामला वाकई चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला है। स्कूल प्रबंधन का इस तरह का कृत्य न केवल शिक्षा प्रणाली के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा कलंक है। बच्चों की सुरक्षा और उनकी भलाई प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन यहां तो एक 11 साल के बच्चे की जान ले ली गई।
हाथरस के इस मामले में, प्रबंधक, प्रिंसिपल और शिक्षकों की संलिप्तता ने सभी को झकझोर दिया है। अंधविश्वास के नाम पर इस प्रकार की घिनौनी हरकतें बहुत ही शर्मनाक हैं। पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर की, लेकिन जो नुकसान हुआ है, उसे कभी नहीं भरा जा सकेगा।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें शिक्षा और अंधविश्वास के बीच की खाई को भरने की जरूरत है। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे मामलों में कड़ी सजा होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा कदम उठाने से पहले सोचे।