शिक्षा विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण में 9 स्कूलों के 11 शिक्षकों के अनुपस्थित मिलने पर एक-एक दिन का वेतन काटा गया। निरीक्षण के दौरान कई शिक्षकों ने अजीबोगरीब कारण दिए, जैसे गाड़ी खराब होना, मेले के कारण जल्दी छुट्टी लेना, या बीमार होना। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक ने बताया कि वह भुजरिया मेला होने के कारण स्कूल जल्दी बंद कर दिया। कुछ शिक्षकों ने बीमारी या मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया, जबकि अन्य ने बताया कि उनकी बाइक पंचर हो गई थी।
इन कारणों से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और कार्रवाई करते हुए इन शिक्षकों का वेतन काटने के आदेश जारी किए गए। शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और सभी अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव जिला पंचायत के सीईओ को भेजा। इसके तहत 11 शिक्षकों का एक-एक दिन का वेतन राजसात करने के निर्देश दिए गए। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि शिक्षकों की जिम्मेदारी और उनके प्रति उम्मीदें कितनी महत्वपूर्ण हैं, खासकर जब वे स्कूलों में उपस्थित रहने की जिम्मेदारी निभाने में असफल होते हैं।