भ्रष्टाचार में लिप्त लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई हो, झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को भी मिलें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा: डॉ. अखिलेश खंडेलवाल
अब शौचालय में नहीं, पक्की छत के नीचे पढ़ेंगे बच्चे
अतिथि शिक्षक परसराम कवचे की पहल काम आई, प्रदेश भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ ने आवाज उठाई
पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों के भवनों की जांच हो, जर्जर हो रहे स्कूलों की मरम्मत की जाये: डॉ. राजकुमार मालवीय
नर्मदापुरम्। बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ करने वाले प्रशासन के जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की गई है। जिसमें जनशिक्षक कमलेश रेवल एवं प्राथमिक शिक्षक अरविंद व्यास को सस्पेंड किया गया है। प्राथमिक शाला की छत की मरम्मत 4,35,500₹ राशि से करवाई जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी एसके कानुड़े ने राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह को राशि स्वीकृति के लिये पत्र लिखा है। मरम्मत होने तक शाला आंगनबाड़ी केंद्र या सामुदायिक भवन में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। शौचालय में शाला लगने की बात सामने आने पर भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यालय प्रभारी डॉ. राजकुमार मालवीय ने प्रशासन को मामले से अवगत कराया था और शीघ्र कार्यवाही की मांग भी की थी। खरगोन जिले की भीकनगांव तहसील के झिरन्या ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेड़छा के सेमल्यामाल फालिया स्थित प्राथमिक शाला के बच्चों को शौचालय में बैठाकर पढ़ाया जा रहा था और छत से पानी रिसने की जानकारी मिली थी। 15 दिवस पूर्व छत से सीमेंट का टुकड़ा अतिथि शिक्षक के सिर पर गिर गया था। अतिथि शिक्षक परसराम कवचे की पहल व सजगता के चलते मामला सामने आया कि मजबूरी में शौचालय में पढ़ाई करवाना पड़ रही है। भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ खरगोन जिला संयोजक बापूसिंह परिहार को विद्यालय जाकर परीक्षण करने के लिये कहा गया। डॉ. मालवीय ने पत्र लिखकर दूरभाष पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, एसडीएम बीके कलेश, जिला शिक्षा अधिकारी एसके कानूड़े, बीईओ निशोद एवं बीआरसी राघवेन्द्र जोशी को अवगत कराया और विद्यालय की छत की मरम्मत शीघ्र किये जाने के लिये संबंधितों को कहा। ताकि बच्चों को शौचालय में पढ़ने पर मजबूर ना होना पड़े। बिना अवरोध के बच्चों की पढ़ाई हो सके। डॉ. राजकुमार मालवीय का कहना है कि प्रदेश भर के शासकीय विद्यालयों की जांच की जाए और जर्जर हो रहे विद्यालयों के भवनों की मरम्मत की जाये। शासकीय विद्यालय में झोपड़ी में रहने वाले गरीब मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय भवन जर्जर हो जाने के कारण इन बच्चों के साथ कभी भी कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है। ऐसे में इन जर्जर भवनों की मरम्मत प्राथमिकता से की जानी चाहिए। झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश संयोजक डॉ. अखिलेश खंडेलवाल ने पूरे मामले की सही और स्पष्ट जांच करने की मांग की है ताकि जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदार लापरवाही बरतते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। फिलहाल दो पर कार्रवाई की गई है। हालांकि और भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए थी। उन्होंने कहा कि झोपड़ी में रहने वाले मजदूर वर्ग के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए हमारी सरकार नित्य नए आयाम रच रही है, किंतु अफसरों की लापरवाही के चलते स्कूलों के भवन और संसाधन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। सरकार शिक्षकों को भारी वेतन दे रही है बावजूद इसके कुछ शिक्षक तो स्कूलों में पढ़ाने तक नहीं आते हैं।