गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शासकीय कला विज्ञान महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति के बारे में बोलने का अवसर प्राप्त हुआ

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शासकीय कला विज्ञान महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति के बारे में बोलने का अवसर प्राप्त हुआ

मनीष शर्मा जी ( जिले रतलाम )

नई शिक्षा नीति 2020 भारतीय सरकार द्वारा मंजूरी दी गई एक महत्वपूर्ण नीति है जो भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार और नए परिवर्तनों को लाने का प्रयास करती है। यह नीति उस समय की शिक्षा प्रणाली के विभिन्न दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी और भारतीय समाज के आधुनिकीकरण और उत्थान के साथ संगत बनाने का प्रयास किया गया था।

नई शिक्षा नीति 2020 के कुछ मुख्य प्रावधान हैं:

  1. शैक्षिक प्रणाली के सुधार: नई नीति ने एक समर्पित और संरचित शैक्षिक प्रणाली को प्रस्तुत किया है, जिसमें बाल विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक और मानविकी, और व्यावसायिक शिक्षा को समाहित किया गया है।
  2. भाषाओं की प्राथमिकता: नीति ने स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव किया है, ताकि बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके।
  3. शैक्षिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग: नई नीति ने शैक्षिक प्रौद्योगिकियों का विशेष उपयोग करने का प्रस्ताव किया है, जिससे शिक्षा प्रक्रिया में सुधार हो सके और बच्चों का विकास अधिक प्रभावी हो सके।
  4. शैक्षिक संस्कारण का प्रस्ताव: नई नीति में शैक्षिक संस्कारण को प्रमोट करने के लिए कई उपाय शामिल हैं, जैसे कि अध्यापकों की प्रशिक्षण और विकास को समर्थन देना।
  5. शिक्षा और व्यवसायिक योजनाओं का सम्बंध: नई नीति ने शिक्षा को व्यवसायिक योजनाओं और रोजगार संबंधी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया है, जिससे शिक्षार्थियों को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सके।
  6. अधिकारीकरण का सुधार: नई नीति में अधिकारीकरण को सुधारने के लिए भी कई उपायों का प्रस्ताव है, जिससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और समर्थनशीलता बढ़ाई जा सके।

मनीष शर्मा जी, गैर-औपचारिक शिक्षा एक अहम और समृद्ध क्षेत्र है जो शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को समाहित करता है और छात्रों को विकासात्मक अनुभव प्रदान करता है। यह शिक्षा सामाजिक सेवा, कला, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, वॉलंटियरिज्म, शैक्षिक यात्राएँ, और विशेष शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इनके माध्यम से छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारियों का आभास होता है, उनकी रचनात्मकता विकसित होती है, और उन्हें विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने का मौका मिलता है।

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